खाना बनाना नहीं आने से रोज-रोज बाहर की चीजें खाकर मोटापा बढ़ता है। इसलिए हम आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं जिन्हें फॉलो कर आप भी अच्छा खाना बना सकते हैं। खाना बनाते समय पूरा ध्यान सिर्फ खाने पर दें। गैस पर कुछ रखकर फोन पर बात न करें। खाना बनकर तैयार होते ही उसे चखना न भूलें। किचन व्यवस्थित रखें। ऐसा करने से समय बचता है। ध्यान रखें पहली बार में कोई काम अच्छे से नहीं होता। बार-बार प्रयास करें।
दोस्त बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान
महात्मा विदुर ने दोस्ती के कुछ सूत्र
बताए हैं। जो व्यक्ति सभी के सामने गलतियों को बतायें वे कभी सच्चे दोस्त नहीं
होते हैं। सच्चा मित्र हमेशा अवगुण को अकेले में बताते हैं। दुनिया के सामने
गुणों की व्याख्या करने वाला ही सही मायनों में सच्चा हितैषी होता है। जिस व्यक्ति
को हर छोटी बात पर गुस्सा आये, उससे जितना दूर रहा जा सके उतना अच्छा होता है।
अभिमानी व्यक्ति से कभी भी मित्रता नहीं करना चाहिए।
कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां....
✶ ऐसे तत्व जिनमें धातु और अधातु दोनों के गुण पाये जाते हैं वे कहलाते हैं-उपधातु
✶ वनस्पति विज्ञान के जनक कौन हैं?-थियोफ्रेस्टस
✶ किसमें ध्वनि की चाल सबसे अधिक होगी?-इस्पात में
✶ एक व्यक्ति घूमते हुए स्टूल पर बांहें फैलाये खड़ा है। एकाएक वह बांहें सिकोड़ लेता है, तो स्टूल का कोणीय वेग-बढ़ जायेगा
✶ चन्द्रमा पर एक बम विस्फ़ोट होता है। इसकी आवाज़ पृथ्वी पर-सुनाई नहीं देगी
जानें किस उम्र में कितना दूध पीना चाहिए
☀ 0–6 महीने के बच्चे को हर रोज 600 मिली दूध पीना चाहिए।
☀ 1-2 साल के बच्चे को 900 मिली दूध पीना चाहिए।
☀ 2-3 साल के बच्चों को दो कप दूध पीना चाहिए।
☀ 4-8 साल के बच्चों को हर रोज ढाई कप दूध पीना चाहिए।
☀ नौ साल से ऊपर के बच्चों को हर रोज तीन कप दूध पीना चाहिए, इससे बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से होता है। वहीं वयस्कों को एक गिलास दूध पीना चाहिए।
आठ घंटे से कम सोने से अवसाद का खतरा
अगर आप आठ घंटे से कम सो रहे हैं तो
सावधान हो जाइए। एक शोध के मुताबिक, आठ घंटे से कम सोने से अवसाद का खतरा बढ़ सकता
है। शोधकर्ताओं ने कहा कि अपर्याप्त नींद लेने से व्यक्ति के आसपास के नकारात्मक
विचार उसके जीवन में दखल देते रहते हैं। साथ ही शोधकर्ताओं ने कहा कि नकारात्मक
विचारों से जूझने वाले लोगों में डिप्रेशन और व्यग्रता जैसे विभिन्न प्रकार के
मानसिक विकार होने का खतरा बढ़ सकता है।
पान बनाए आपकी सेहत को हरा-भरा
पान सिर्फ खाने में ही स्वाद नहीं
देता, बल्कि कई बीमारियों से भी निजात दिलाता है। पान खाना पाचन क्रिया के लिए
बेहद फायदेमंद है। ये सलाइवरी ग्लैंड को सक्रिय करके लार बनाने का काम करता है,
जोकि खाने को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ता है। मसूड़े में सूजन हो जाने पर पान का
इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है। चोट लगने पर पान घाव को भरने में मदद करता है। यह
मुंह को फ्रेश रखने में भी सहायक होता है।
आपकी ये आदत भी बता देती है दिल के राज
जी हां, जल्दी-जल्दी खाने वाले लोग बहुत एक्टिव होते हैं। इनकी पर्सनल लाइफ बहुत अच्छी होती है। वहीं आराम से खाने वाले लोग सलीके से काम करने के लिए जाने जाते हैं। इनके हर काम में मैच्योरिटी होती है। इन्हें किसी की दखलअंदाजी पसंद नहीं होती। तीखा खाने वाले स्पष्ट वक्ता, बिंदास और निडर होते हैं, जबकि मीठा खाना पंसद करने वाले लोग शांत और दयालु होते हैं। ये अपने दम पर उच्च मुकाम हासिल करते हैं।
इन तरीकों से कभी न लगाएं आंखों में काजल
काजल आंखों में अंदर से बाहर की ओर ही
लगाया जाना चाहिए। इससे काजल सही दिशा में लगता है और फैलता भी नहीं है। मोटा काजल
बहुत खूबसूरत लगता है लेकिन आपकी आंखें छोटी हैं तो मोटा और गहरा न लगाएं। ये
आंखों को और भी छोटा दिखाएगा। अगर आप स्मजप्रूफ काजल खरीद रही हैं तो उसे पहले
लगाकर टेस्ट कर लें। अगर उसे लगाने से आंखों में पानी आ रहा है या जलन हो रही है
तो उसे न लें।
त्वचा की खूबसूरती के लिए खाएं मूंगफली
मूंगफली को गरीबों का बादाम कहा जाता
है। इसमें वे सभी तत्व पाए जाते हैं जो बादाम में होते हैं। सर्दियों में मूंगफली
खाने से दमकती और खिली-खिली त्वचा पा सकते हैं। मूंगफली में विटामिन ई भरपूर
मात्रा में पाया जाता है जो एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट है। यह तनाव को कम करता है।
मूंगफली खाने वाले व्यक्ति को दिल से जुड़े रोग होने का खतरा कम होता है। इसके
अलावा मूंगफली के नियमित सेवन से खून की कमी नहीं होती।