महात्मा विदुर ने दोस्ती के कुछ सूत्र
बताए हैं। जो व्यक्ति सभी के सामने गलतियों को बतायें वे कभी सच्चे दोस्त नहीं
होते हैं। सच्चा मित्र हमेशा अवगुण को अकेले में बताते हैं। दुनिया के सामने
गुणों की व्याख्या करने वाला ही सही मायनों में सच्चा हितैषी होता है। जिस व्यक्ति
को हर छोटी बात पर गुस्सा आये, उससे जितना दूर रहा जा सके उतना अच्छा होता है।
अभिमानी व्यक्ति से कभी भी मित्रता नहीं करना चाहिए।
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